प्रतापगढ़ - कुंडा, नवम्बर 15 -- कुंडा, संवाददाता। मशीन अथवा हार्वेस्टर से धान की कटाई कराने पर मशीन खेतों में पराली छोड़ जाती है। धान निकालने के बाद पराली निकालना किसी भी तरह से किसानों के हित में नहीं रहता। पराली जलाने पर किसानों पर जुर्माना हो सकता है। यह बातें सक्षम फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. रणजीत सिंह ने कालाकांकर के मुरस्सापुर गांव में आयोजित पराली प्रबंधन जागरुकता कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि यदि कृषि अवशेषों की सही तरीके से प्रबंधन किया जाए तो किसानों के अतिरिक्त आय का साधन हो सकता है। पराली जलाने से प्रदूषण के साथ जहरीली गैस भी हवा में घुलती है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण तथा किसानों के हित में पराली जलाने पर रोक लगाई है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. अवधेश सिंह ने पराली प्रबंधन पर किसानों को जागरुक किया। पराली जल...
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