नई दिल्ली, अप्रैल 24 -- सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में साइन की गई थी। यह एक ऐतिहासिक जल-बंटवारा समझौता है, जो दोनों देशों के बीच छह नदियों के जल इस्तेमाल को नियंत्रित करता है। इन नदियों में सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज शामिल हैं। यह संधि दशकों तक दोनों देशों के बीच सहयोग का प्रतीक रही, जो युद्धों और तनावों के बावजूद बरकरार रही। हालांकि, हाल ही में, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत ने इस संधि को निलंबित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। यह कदम भारत की रणनीतिक नीति में एक बड़े बदलाव का संकेत देता है और पाकिस्तान के लिए इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और जनसंख्या इस जल प्रणाली पर बहुत हद तक निर्भर है।सिंधु जल संधि के तहत क्या-क्...