लखनऊ, जून 20 -- सुमित गुप्ता भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पाकिस्तान से सिंधी समुदाय के बड़ी संख्या में लोग अपनी बसी-बसाई गृहस्थी, धन, संपदा, कारोबार, नौकरी सबकुछ छोड़कर अनिश्चितता के भंवर में भारत आये। जो कुछ हाथ में आया था। उसे लेकर देश के अलग-अलग शहरों में जिंदगी के साथ संघर्ष शुरू किया। इन्हीं संघर्षशील व्यक्ति लखनऊ पहुंचे। सिंधी समुदाय को न केवल इस शहर ने आसरा दिया, बल्कि उन्हें अपनेपन का अहसास भी कराया। जितना प्यार लखनऊ ने उन्हें दिया, उतना ही इन्होंने भी शहर से मोहब्बत की। अपनी मेहनत और लगन से अपने साथ-साथ लखनऊ को भी नई ऊंचाइयां दीं। होटल से लेकर किराना, कपड़े की दुकान, फैक्ट्री, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल बनाकर अपने साथ हर धर्म-जाति के लोगों को रोजगार से जोड़ा। इन्होंने न्यू लखनऊ के बसाने में भी अहम भूमिका निभाई। आज यह परिवार खुशहाल ह...