पटना, मई 31 -- खानपान सही हो तो एकाग्रता और मानसिक संतुलन सही किया जा सकता है। इसे राज्य के हजारों बच्चों ने साबित कर दिया है। राज्य के 65 फीसदी से अधिक बच्चों ने खुद अपने खानपान में सुधार किया और मानसिक संतुलन को विकसित किया। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एनसीईआरटी की मदद से यह अध्ययन किया है। अध्ययन में राज्य के दस लाख 66 हजार 789 बच्चे और किशोर शामिल किये गये थे। इनकी उम्र दस से 16 वर्ष तक की थी। फरवरी और मार्च यानी 58 दिनों तक यह अध्ययन किया गया। इसमें सात लाख से अधिक बच्चों ने कहा कि पहले उनका खानपान ठीक नहीं था। कुछ भी खा कर रहते थे। इससे पढ़ाई में एकाग्रता नहीं बन पा रही थी। इसके साथ की हमेशा पेट दर्द, सिर दर्द, थकान आदि रहता था। खानपान में सुधार करने के बाद एकाग्रता भी बढ़ी और अब मानसिक संतुलन भी रहता है। बता दें कि इस अध्य...