जौनपुर, दिसम्बर 6 -- मछलीशहर। नगर के मोहल्ला खानजादा में इबरत मछली शहरी के आवास पर शुक्रवार की रात कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें शायर इबरत मछलीशहरी ने कहा कि उसी को छोड़ दिया खानदान वालों ने, जिसे बहुत गुरूर था अपने खानदान पे। आज़म मछली शहरी ने जीवन पर जब नफरत का अधिकार सफल हो जाएगा, दम उल्फत का भरने वालों घर मक़तल हो जाएगा रचना पढ़ी। साबिर मछलीशहरी ने किसी से आह वो गिरिया क्यूं करें हम, सरे महफ़िल तमाशा क्यूं करें हम रचना प्रस्तुत की। रानू माली मछलीशहरी ने कहा कि सुनसान हैं फ़ज़ाएं कोई रहगुज़र नहीं, तन्हाई डस रही है कोई हम सफर नहीं। हनीफ मछलीशहरी ने एक बार चढ़ा है तो चढ़ कर कहां उतरा है, ये रंगे मोहब्बत तो हर रंग से पक्का है रचना पढ़ी। कवि गोष्ठी की शुरुआत शम्स जौनपुरी ने मोहम्मद साहब की शान में नात पेश करके की। इसके बाद ग़ज़ल का दौर...