बरेली, मई 29 -- खाद्यान्न घोटाले में बरेली में आठ एफआईआर दर्ज हुई थीं। 2015 से 2018 के बीच कोटेदारों ने साठगांठ करके एक-एक आधार पर 50 से 100 लोगों तक राशन निकाल लिया। सीआईडी की जांच में खाद्यान्न घोटाले की पुष्टि हो गई है। सूत्रों के मुताबिक बरेली के तत्कालीन डीएसओ और कुछ कर्मचारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। 2015 में राशन कार्ड को ऑनलाइन करने का काम शुरू हुआ था। राशन कार्ड से आधार को लिंक किया जा रहा था। घोटालेबाजों ने ऑनलाइन व्यवस्था में सेंधमारी की। राशन कार्ड में ऑनलाइन एक फर्जी नाम बढ़ाया जाता था। उसका आधार नंबर फीड कर दिया जाता था। फर्जी नाम के जरिए ऑनलाइन राशन का आवंटन दिखा दिया जाता था। एक आधार का इस्तेमाल करके 50 से 100 लोगों तक का राशन निकाला गया। बरेली में भी नौ कोटेदारों की दुकानों पर यह खेल पकड़ा गया था। आठ मुकदमे दर्ज हुए...