किशनगंज, अक्टूबर 4 -- किशनगंज । एक प्रतिनिधि आजकल लोग अधिक ऊर्जा, वसा, शक्कर, नमक और सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसके विपरीत, फल, सब्जियों और रेशा युक्त साबुत अनाज का सेवन घटता जा रहा है। यह स्थिति असंतुलित आहार शैली को जन्म दे रही है, जिसके परिणामस्वरूप लोग हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे जैसे अनेक स्वास्थ्य संकटों का शिकार हो रहे हैं। संतुलित आहार में अनाज, फल, सब्जी, दाल, दूध और प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों का समुचित अनुपात हमेशा जरूरी है। सीएस डॉ राजकुमार चौधरी ने कहा कि पोषण की दिशा में सबसे बड़ी चुनौती अपर्याप्त और असंतुलित आहार का सेवन है। यह न केवल बच्चों के कम वजन और कुपोषण का कारण बनता है, बल्कि महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान पोषण की कमी भी आगे चलकर कई तरह की बीमारियों की वजह बनती है। खासकर गर्भावस्था...