देवरिया, मार्च 22 -- देवरिया। निज संवाददाता। दिन-ब-दिन हो रहे भूमिगत जलादोहन के चलते जल स्तर नीचे गिरता जा रहा है। ऐसे में एक न एक दिन पानी को लेकर संकट गहरा सकता है। बीते दो दशक में जिले में लगभग चार मीटर जलस्तर नीचे खिसक चुका है। जल संचय को लेकर यदि समय रहते हम नहीं चेते तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। आलम यह है कि हर रोज भूमिगत जला दोहन बढ़ता ही जा रहा है। आबादी बढ़ने के साथ में खाली जमीनों पर मकानों के निर्माण से भी भूगर्भ के जलस्तर में कमी आ रही है। दिन-ब-दिन गांवों में स्थित तालाबों, पोखरों व कुओं का जीर्णोद्धार कर जल संचय पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जो भूमिगत जलस्तर गिरने का एक यह भी सबसे बड़ा कारण है। वहीं जिले के भाटपाररानी व बनकटा ब्लाक में भूगर्भ जल स्तर में कमी होने से ये दोनों ब्लॉक सेमी क्रिटिकल जोन में शामिल है। गर्मी ...
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