गिरडीह, सितम्बर 8 -- पीरटांड़, प्रतिनिधि। क्षमा याचना के साथ जैन अनुआइयों का साधना आराधना का महापर्व दसलक्षण रविवार को सम्पन्न हुआ। दसलक्षण के समापन पर सगे सम्बन्धी तथा एक दूसरे से उत्तम क्षमा, मिच्छामि दुग्ड़म जैसे संबोधन के साथ क्षमा मांगी गई। दसलक्षण महापर्व में क्षमा करने व क्षमा मांगने की भी धार्मिक परंपरा है। कहते हैं कि मन वचन कार्य से अथवा जाने अनजाने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी को दुख पहुंचाया हो तो उत्तम क्षमा या मिच्छामि दुग्ड़म के संबोधन के साथ क्षमा याचना की जाती है। दसलक्षण महापर्व में एक दूसरे को क्षमा करना व क्षमा मांगने की अद्भुत परंपरा है। रविवार को दसलक्षण महापर्व के समापन पर मधुबन में क्षमायाचना का दौर दिनभर चलता रहा। किसी ने सोशल मीडिया के माध्यम अथवा स्टेटस लगाकर एक साथ क्षमा याचना की तो किसी से एक दूसरे स...