बाराबंकी, सितम्बर 9 -- फतेहपुर। पर्यूषण पर्व के अंतिम दिन श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में क्षमावाणी पर्व भावपूर्ण माहौल में मनाया गया। पंचामृत अभिषेक व चौबीसी विधान पूजा का समापन हुआ। भगवान पार्श्वनाथ का पंचामृत अभिषेक, शांतिधारा, आरती व क्षमावाणी पूजन के बाद जयमाल कार्यक्रम का आयोजन हुआ। प्रवचन करते हुए चिंतक इंद्र कुमार जैन ने कहा कि भगवान महावीर ने क्षमा वीरस्य भूषणम का संदेश दिया है। क्षमा वीरों का आभूषण है। क्षमा करना व क्षमा मांगना दोनों सदैव श्रेष्ठ होते है। जैन धर्म मे पुरातन से चली आ रही क्षमा वाणी परम्परा आज भी जीवंत है। कार्यक्रम में पूजा आदि के बाद सभी ने एक दूसरे के गले मिलकर जाने अन्जाने हुई गलतियों की क्षमायाचना की। लगातार दस उपवास रखने वाली श्रद्धालु अमीषा जैन को पुरस्कृत किया गया। अन्य भक्तों को भी समाज द्वारा पुरुस...