लखनऊ, अप्रैल 21 -- डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के एनेस्थीसियालॉजी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की ओर से आयोजित एनेस्थीसिया रिफ्ररेशर कोर्स के तीसरे दिन सीआरआरटी मशीन की जरूरत पर चर्चा की गई। एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पीके दास ने किड़नी रोगियों में मशीन की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। कहा कि एनेस्थीसिया विशेषज्ञ सिर्फ बेहोशी करने तक ही सीमित नहीं रह गए हैं। एनेस्थीसिया विशेषज्ञ आईसीयू के मरीजों को बेहतर इलाज देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। डॉ. पीके दास ने बताया कि गुर्दा मरीजों की तीन तरह की डायलिसिस होती है। एक मरीज को चार से छह घंटे, उससे गंभीर मरीज को 10 से 11 घंटे डायलिसिस की जाती है, जबकि आईसीयू में भर्ती रहने वाले गंभीर मरीज की डायलिसिस दो से तीन दिन तक चलती है। डायलिसिस के मरीज पर ब्लड प्रेशर का प्रतिकूल...