लखनऊ, मई 9 -- पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में शक्ति भवन पर घोषित सात दिवसीय क्रमिक अनशन शुक्रवार को समाप्त हो गया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव की स्थितियों को देखते हुए 14 मई तक कोई आंदोलन न करने का फैसला लिया है। संगठन ने मांग की कि युद्ध की स्थितियों को देखते हुए पावर कॉरपोरेशन भी निजीकरण की कार्रवाई समापत करे। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि अगर कॉरपोरेशन निजीकरण का फैसला वापस लेता है तो बिजली कर्मचारी गर्मी में बिजली की व्यवस्था सामान्य बनाए रखने की चुनौती स्वीकार करके पूरे मनोयोग के साथ काम करेंगे। निजीकरण के विरोध में संघर्ष समिति ने सात दिवसीय क्रमिक अनशन की घोषणा की थी, जिसकी शुरुआत 2 मई से हुई थी। क्रमिक अनशन में उत्तर प्रदेश के अल...