फतेहपुर, दिसम्बर 21 -- फतेहपुर। आलू की बुआई में लेटलतीफी और मौसम के मिजाज से झुलसा रोग का प्रकोप बढ़ा है। रोग से पत्तियों से लेकर पौधे तक नष्ट होते है। ऐसे में किसानों में चिंता बनी है। सुरक्षा के लिए फसल की देखरेख में जुटे है। वहीं बचाव के लिए कृषि विभाग के वैज्ञानिकों ने किसानों को टिप्स दिए है। जिससे रोग से फसल को नुकसान न पहुंच सके। दोआबा के बदलते मौसम के मिजाज से आलू की फसल पर संकट मंडराने लगा है। अक्टूबर आखिर और शुरुआती नवंबर में हुई बुआई से फसल प्रभावित नही होगी लेकिन नवंबर के अंत और दिसंबर में बुआई की फसल पर झुलसा रोग का खतरा बढ़ा है। आलू की पत्तियों के सिरे से झुलसना शुरु होता है। पत्तियों में हल्के भूरे रंग का धब्बा और कम ही समय में पूरी पत्तियां रोगी होती है और फिर पूरा पौधे में फैलता है। तीन से पांच दिन में रोगी पौधा नष्ट हो ज...