रांची, अगस्त 11 -- रांची, संवाददाता। प्रधानमंत्री के निर्देश पर सीआईएल की सहायक कंपनी सीएमपीडीआई ने 437 कोयला खदानों का सर्वे कर उनकी जल गुणवत्ता का मूल्यांकन किया। अध्ययन में पता चला कि ये खदानें प्रति वर्ष करीब 2,760 लाख किलोलीटर अतिरिक्त जल प्रदान कर सकती हैं। भारत में अधिकांश खदानों का जल अच्छी गुणवत्ता का है और मामूली उपचार के बाद घरेलू, कृषि और औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त है। सीएमपीडीआई ने जल गुणवत्ता का सीपीसीबी और बीआईएस:10500 मानकों के आधार पर मानकीकरण किया है। 22 पायलट परियोजनाएं झारखंड सहित छह राज्यों में चिह्नित की गई हैं, जहां खदान जल का प्रयोग सिंचाई, सामुदायिक आपूर्ति और बोतलबंद पानी के लिए किया जाएगा। कोयला मंत्रालय के सचिव ने सीएमपीडीआई की सराहना करते हुए सभी कोयला कंपनियों को जल उपचार की कार्य योजना बनाने के निर्देश दि...