लोहरदगा, फरवरी 20 -- लोहरदगा, संवाददाता। गर्मी की आहट के साथ ही फरवरी मध्य में ही प्राकृतिक जलस्रोतों का जलस्तर सिमटने लगा है। वहीं कुओं और बोरिंग का भी बुरा हाल है। कई इलाकों में महीनों से खराब पड़े चापाकल के कारण स्थानीय लोगों को पेयजल के लिए दौड़ लगाना पड़ता है या खरीद कर पानी पीना पड़ रहा है। जिले का जलस्तर आठ से दस फीट तक नीचे चला गया है, वहीं जिले में हर घर नल जल योजना की हालत भी खस्ताहाल है। सैकड़ों जलमीनार सूखे पड़े हैं। जिले के जहां भंडरा और नगर क्षेत्र का मैना बगीचा,शास्त्री चौक, समाहरणालय परिसर और कोर्ट परिसर,रघुटोली ड्राई ज़ोन चिन्हित हैं। वहीं कुडू और कैरो प्रखण्ड के कुछ पॉकेट बोरिंग कोलैप्स जोन घोषित हैं। फरवरी माह से ही पेयजल की किल्लत होने लगी है। जबकि अभी जेठ की गर्मी बाकी है। अभी से जलापूर्ति योजनाओं का हाल बुरा है, आने वाले मह...