पीलीभीत, फरवरी 24 -- गांव कैचुआ में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में बदायूं से पधारीं कथा वाचिका वैजन्ती शास्त्री ने कथा के प्रथम दिवस धुंधकारी की कथा सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कैचुआ में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा वाचिका बैजन्ती शास्त्री ने कहा कि प्राचीन समय की बात है दक्षिण भारत की तुंगभद्रा नदी के तट पर एक नगर में आत्मदेव नामक एक व्यक्ति रहता था। जो सभी वेदों में पारंगत था। उसकी पत्नी का नाम धुन्धुली था। धुन्धुली बहुत ही सुन्दर लेकिन स्वभाव से क्रूर और झगडालू थी। घर में सब प्रकार का सुख था लेकिन वह व्यक्ति अपनी पत्नी से तो दुखी ही रहता था। उसे कोई संतान का सुख नहीं था। यह सब सोचकर उसने बड़े दुखी मन से अपने प्राण त्यागने के लिए वह वन चला गया। कथा के दौरान, धर्मवीर वर्मा, प्रेम प्रकाश वर्मा, अशोक कुमार वर्मा, न...
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