रांची, सितम्बर 20 -- रांची, विशेष संवाददाता। भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) की ओर से विकसित चारा खेसारी फसल के उन्नत प्रभेद बिरसा खेसारी-2 (बीएयू एल-106) को देश के उत्तर पूर्व क्षेत्र और मध्य क्षेत्र के लिए जारी किया है। सामयिक बुआई, सामान्य उर्वरता स्तर व कम सिंचाई वाली परिस्थितियों के लिए यह प्रभेद उपयुक्त है। चारा फसल एवं प्रयोग सम्बन्धी अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की 18-19 सितंबर को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल में हुई राष्ट्रीय समूह बैठक में इस रिलीज प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। बीएयू के पौधा प्रजनक डॉ योगेन्द्र प्रसाद ने वर्षों के प्रयोग व परिक्षण के बाद इसे विकसित किया। इस प्रभेद ने प्रति हेक्टेयर 211 क्विंटल हरा चारा का उत्पादन दिया, जो सर्वोत्तम राष्ट्रीय चेक प्रभ...