झांसी, फरवरी 10 -- झांसी (समथर)। नगर के मुहल्ला उपाध्याना में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रसराज मृदुल शास्त्री ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। जिसे सुन भक्त विभोर हो उठे। उन्होंने कहा कि लीलाएं साधारण लीला नहीं हैं। भगवान कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस उनको मारने के लिए तरह तरह के प्रयास करता है। वह अपनी बलवान राक्षसी पूतना को नन्द बाबा के घर भेजता है। पूतना वेश बदलकर भगवान श्रीकृष्ण को उठा लेती और अपने स्तन का जहरीला दूध पिलाने लगती है। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण उसको मौत के घाट उतार देते हैं। उसके बाद कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने की तैयारी करते हैं।जब यह भगवान कृष्ण को मालूम होता है ।तो भगवान कृष्ण इंद्र की पूजन करने से मना करते हुए गोवर्धन महाराज की पूजन करने की बात कहते हैं।...
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