कुशीनगर, फरवरी 16 -- कुशीनगर।मोतीचक ब्लॉक परिसर में गुरुवार को एक दिवसीय जैविक खेती के लिए किसान मेला एवं कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को परंपरागत जैविक खेती के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए जानकारी दी। एडीओ एजी प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि जैविक खेती से भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि हो जाती है। सिंचाई अंतराल में वृद्धि होती है। रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत में कमी आती है। फसलों की उत्पादकता में वृद्धि के साथ ही जैविक खाद के उपयोग करने से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है। भूमि की जल धारण क्षमता बढ़ती है। भूमि से पानी का वाष्पीकरण कम होगा। भूमि के जल स्तर में वृद्धि होती है। मिट्टी खाद पदार्थ और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आती है। इस दौरान रामू रा...