नई दिल्ली, अक्टूबर 28 -- जिस समय दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने की कवायद चल रही थी, ठीक उसी समय पंजाब के तरन तारन जिले के छह अधिकारियों के खिलाफ पराली दहन को न रोक पाने के लिए मुकदमा चलाने की खबर भी आई। ये दोनों घटनाएं बताती हैं कि हालात किस कदर गंभीर हो चले हैं और किस स्तर पर हस्तक्षेप करने की जरूरत पड़ रही है। पिछले कई वर्षों से सर्दियों की शुरुआत में वायु प्रदूषण के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बाशिंदों के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है। शीर्ष अदालत की नियमित सुनवाई और सख्त तेवर व सरकारों-निकायों के हलफनामों के बावजूद यदि यह नौबत है, तो प्रदूषण से निपटने की पूरी नीति की समीक्षा करने की जरूरत है। वैसे, विरोधाभासी कदमों से इस गंभीर समस्या से नहीं निपटा जा सकता है। अभी कितने दिन हुए, जब दिल्ली सरकार सुप्...
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