बलरामपुर, जून 4 -- बकरा ईद विशेष उतरौला, संवाददाता। रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग 70 दिनों बाद बकराईद का त्यौहार मनाया जाता है। इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अलैहि सलाम अपने पुत्र हजरत इस्माईल अलैहि सलाम को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे। इस पर अल्लाह ने हजरत इस्माईल अलैहि सलाम को जीवन दान दे दिया और उनकी जगह जन्नत से एक दुंबा भेंड़ भेज दिया, जिसकी कुर्बानी की गई। मुस्लिम समाज का मानना कि अल्लाह ने इब्राहिम अलैहि सलाम की परीक्षा लेने के लिए अपनी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी मांगी। इब्राहिम अलैहि सलाम ने अपने जवान बेटे हजरत इस्माईल अलैहि सलाम को अल्लाह की राह में कुर्बान करने का फैसला कर लिया, लेकिन वो जैसे ही अपने बेटे को कुर्बान करने वाले थे अल्लाह ने उनकी जगह एक दुंबे को रख दिया। अल्ल...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.