नैनीताल, अगस्त 11 -- नैनीताल, संवाददाता। कुमाऊं विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी ने एमएमटीटीसी की ओर से आयोजित फैकल्टी इंडक्शन कार्यक्रम में औषधीय पौधे वितरित कर उनकी आर्थिकी में योगदान विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान दिया। प्रो. तिवारी ने बताया कि 3 हजार ईसा पूर्व सुमेर सभ्यता में औषधीय पौधों का संकलन शुरू हुआ था और सुश्रुत में 700 औषधीय पौधों का उल्लेख मिलता है। वर्तमान में विश्वभर में 50-70 हजार औषधीय एवं सुगंधित पौधे पाए जाते हैं, जिनका करीब 80 प्रतिशत संग्रह जंगलों से होता है। उत्तराखंड में 701 औषधीय पौधों में से 250 की व्यापारिक बिक्री होती है। वैश्विक स्तर पर औषधीय पौधों का कारोबार 14 अरब डॉलर का है और अगले 25 वर्षों में इसकी आर्थिकी में बढ़ोतरी की संभावना है। प्रो. तिवारी ने किलमोरा, सन पत्ता, पीपली, वसा और...