कौशाम्बी, फरवरी 16 -- कुपोषण से जंग की लड़ाई में विभाग ने ही हाथ ढीले कर दिए हैं। गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ ही छह साल तक के बच्चों को चार महीने से पोषाहार नहीं मिला है। पोषाहार न मिलने से बच्चों व महिलाओं की सेहत पर फर्क पड़ रहा है। महिलाओं को अतिरिक्त पोषण देने का साफ मकसद है कि प्रसव के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न हो। बच्चा स्वस्थ पैदा हो। वहीं बच्चों को पोषाहार देने का उद्देश्य है कि बच्चे स्वस्थ रहें और कुपोषण से दूर रहें, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है। तीन महीने से पोषाहार ही नहीं दिया गया है। इससे महिलाओं व बच्चों को दिक्कत हो रही है। जिले में लगभग 1680 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। यहां गर्भवती व धात्री महिलाओं को हर महीने पोषाहार दिया जाता है। इसके अलावा शून्य से तीन व तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को भी पोषाहार दिया जाता है। पोषाहार देने...