नई दिल्ली, जनवरी 27 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (27 जनवरी) को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा से जुड़े कानून के दुरुपयोग से बचाव के लिए उसमें कानूनी सुधार की मांग की गई थी। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ ने याचिका कर्ता से कहा कि यह मामला अदालतों के अधिकार क्षेत्र में नहीं बल्कि विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए अर्जी को खारिज किया जाता है। इस अर्जी में यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी कि पति और उसके परिवार के सदस्यों को घरेलू हिंसा और दहेज कानूनों के झूठे मामलों में परेशान न किया जाए लेकिन कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि ऐसी जनहित याचिका के माध्यम से आवेदक वकील विशाल तिवारी प्रसिद्धि पाने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब तिवारी ने ...
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