सीतापुर, सितम्बर 19 -- सीतापुर। श्री कृष्ण सेवा संस्थान के द्वारा मंगलवार को शहर के अग्रसेन अतिथि भवन में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा वाचक अशोक अवस्थी ने भक्तों को कथा सुनाते हुए कहा किसी भी प्राणी को मन, वाणी और शरीर से किसी प्रकार का कष्ट न दिया जाए। इससे बढ़कर कोई धर्म नहीं है। विधर्म, परधर्म, आभास, उपमा और छल अधर्म की पांच शाखाएं हैं। धर्मज्ञ पुरुष अधर्म के समान ही इनका भी त्याग कर दे। अपने अपने स्वभाव के अनुकूल जो वर्ण, आश्रम, उचित धर्म है उसी से शांति प्राप्त होगी।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.