संतकबीरनगर, जुलाई 10 -- संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम संतकबीरनगर जिले के जिला कृषि अधिकारी डा. सर्वेश कुमार यादव ने कहा कि फास्फेटिक खाद में मिलावट का संदेह है तो किसान स्वयं इसकी जांच कर सकते हैं। संदेह हो तो फौरी तौर पर कृषि विभाग के अधिकारियों से शिकायत करें। उन्होंने उर्वरकों के जांचने की विधि बताई हैं। गांव में आयोजित होने वाली गोष्ठी में भी किसानों को जानकारी मुहैया करा रहे हैं। असली डीएपी के दाने सख्त और ठोस होते हैं। इनका रंग भूरा, काला या बादामी हो सकता है। नकली डीएपी के दाने आसानी से टूट जाते हैं और इनका रंग मिट्टी या राख जैसा होता है। असली डीएपी में हल्की अमोनिया जैसी गंध आती है, जबकि नकली डीएपी में तेज या अजीब गंध हो सकती है। डीएपी के कुछ दानों को हाथ में लेकर चूने के साथ मसलने पर तीखी गंध आती है, जिसे सूंघना मुश्किल होता है। डी...