अलीगढ़, अक्टूबर 9 -- किसानों पर असामान से लेकर जमीन तक आफत कृषि भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, न केवल प्रत्यक्ष आर्थिक योगदान के रूप में बल्कि बड़ी आबादी के लिए रोजगार का एक मुख्य स्रोत होने के नाते भी। यह क्षेत्र देश की लगभग 42.3% आबादी को आजीविका का साधन प्रदान करता है। ऐसे कृषि प्रधान देश में अगर किसान खाद के लिए लाइनों में लगे तो यह न सिर्फ सरकार के लिए बल्कि देश के लिए भी शर्म की बात है। आज किसान सुबह छह बजे से लाइन में लगता है और शाम को घर लाैटता है थका-हारा, भूखा-प्यासा, मायूस खाली हाथ बिना खाद के। ऊपर से मौसम की मार। खेतों में कटी पड़ी फसल बारिश में जलमग्न काला पड़ा धान। जब लेकर किसान पहुंचता है मंडी, तो मिलता है तय रेट से भी कम दाम। डीएपी वितरण के दौरान किसानों का हंगामा n पुलिस और सचिव किसानों को खाद वि...