अंबेडकर नगर, मई 9 -- अम्बेडकरनगर, संवाददाता। खेत को उपजाऊ बनाने के लिए किसान धान की रोपाई से पहेल खेतों में ढैंचा की फसल उगाते हैं। इससे हरी खाद बनाकर खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते है। ढैचा बोआई का समय चल रहा है लेकिन राजकीय कृषि गोदाम में अभी तक ढैचा बीज की आपूर्ति नहीं हो सकी है। ऐसे में किसान बीज के लिए गोदाम का चक्कर लगा रहे हैं। हरी खाद खेत को काफी उपजाऊ बनाती है लेकिन इसे बढ़ावा देने के लिए किसानों को बीज ही नहीं मिल रहे हैं। गोदाम पर बीज न उपलब्ध होने से किसानों में निराशा है। कुछ किसान बाजार से महंगे दामों पर बीज खरीदने को मजबूर हैं।कृषि वैज्ञानिक डा. प्रदीप कुमार बताते हैं कि ढैचा बुआई का समय 15 मई तक माना जाता है। एक एकड़ में करीब दस से 15 किलोग्राम बीज की बोआई की जाती है। जिस खेत में हरी खाद तैयार करनी होती है उसमें ढैचा की फसल उग...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.