नई दिल्ली, मार्च 18 -- आलू उत्पादक किसानों को सीजन में लागत के मुताबिक भाव नहीं मिल पाता तो गन्ना किसानों के सामने जिले गन्ना बेचने की समस्या है। पांच साल से अधिक का समय हो गया, लेकिन जिले की इकलौती साथा चीनी मिल सरकार के वायदे के बाद भी चल नहीं पाई। सरकार से लेकर सरकार के मंत्रियों ने साथा चीनी मिल के उद्धार को लेकर कई बार घोषणाएं कीं। इससे किसानों की उम्मीदों को पंख लगे कि एक दो साल में साथा चीनी मिल चल जाएगी और गन्ना जिले में ही बेच पाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। साथा चीनी मिल जर्जर पड़ी है और इसके चलने की कोई उम्मीद दूरदूर तक नजर नहीं आ रही है। लिहाजा किसानों का गन्ना उत्पादन से मोह भंग हो गया। किसान सहफसली किसानी पर निर्भर होने लगे। वहीं इगलास, खैर व गोंडा आलू बेल्ट के रूप में जाना जाता है, लेकिन किसानों को लागत के अनुरूप आलू का मूल्य नह...
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