नई दिल्ली, अप्रैल 19 -- अपना खुद का घर बनाना हर इंसान का सपना होता है, पर बहुत से लोग नौकरी, पढ़ाई या अन्य कारणों की वजह से किराये के घर में ही अपने आशियाने का सुकून तलाशते हैं। जहां किरायेदार एक अच्छे मकान की तलाश में रहता है, वहीं मकान मलिक भी ऐसा किरायेदार चाहता है, जो शांतिपूर्वक रहे और सभी नियमों का पालन करे। लेकिन अकसर मकान मालिक और किरायेदार के बीच लड़ाई-झगड़े की खबरें भी सुनने में आती रहती हैं। इसलिए मकान मालिक और किरायेदार दोनों को अपने कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। इस व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए किराया नियंत्रण अधिनियम पारित किया गया है। यह अधिनियम भारत के सभी राज्यों में मकान मलिक और किरायेदार के अधिकारों की रक्षा करने तथा इस सारी व्यवस्था को सुचारू रखने का काम करता है। आवास एवं शहरी मंत...
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