रामपुर, जुलाई 4 -- सात मोहर्रम के मौके पर हजरत कासिम की याद में मेहंदी का जुलूस तोपखाना से शुरू होकर राजद्वारा, राहे रजा और राहे जुल्फिकार से गुजरकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इमामबाड़ा खासबाग पहुंचा। इमामबाड़ा में मेहंदी को सलामी पेश की गई। जुलूस में अंजुमनों ने नोहाख्वानी की। नोहे पढ़े गए... हर दिल में गम ओ दर्द की बुनियाद रहेगी, कासिम तेरे मरने की अदा याद रहेगी। हुसैन आप सा दुनिया में आ सका न कोई, मकाम आप सा दुनिया में पा सका न कोई। इमामबाड़ा में मौलाना सैयद फैज़ अब्बास मशहदी ने मजलिस को खिताब किया और सात मोहर्रम की फज़ीलत बयान की। जुलूस में पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां, मुतवल्ली औकाफ नवाबजादा हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां, पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां, सुहेल मियां, शबाब हुसैन, तस्लीम हुसैन, अहतेशाम सहरी, रिज़वान हुसैन, ...
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