वाराणसी, फरवरी 3 -- वाराणसी। मुख्य संवाददाता। दुर्लभ होने के कारण कछुओं की संरक्षित प्रजाति में शामिल एक सॉफ्टसेल गंगाटर्टल रविवार को बेमौत मारा गया। जिसकी अधिकतम आयु 280 साल हो सकती थी वह 40 साल भी पार नहीं कर सका। यह कछुआ शंकुलधारा तालाब में पल रहा था। करीब दस दिन पहले यह घायलावस्था में तालाब की सीढ़ी पर मिला था। गर्दन और पैर में चाइनीज मंझा फंसा था जिससे गहरा घाव हो गया था। क्षेत्रीय युवकों ने इसे जानवरों के डॉक्टर को दिखाया। उन्होंने बताया कि प्रदूषित मलबे के कारण इन्फेक्शन इसके पूरे शरीर में फैल चुका है। 10वें दिन यह तालाब के किनारे जल में मरा मिला। स्थानीय लोगों ने इसे द्वारकाधीश मंदिर के पीछे मैदान में दफन कर दिया। बीएचयू के जीव विज्ञानी प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि दुर्लभ होने के कारण इस कछुआ को पालना प्रतिबंधित है। वाइल्ड ला...