कोटद्वार, मार्च 16 -- होली के अवसर पर साहित्यिक संस्था साहित्यांचल की ओर से शनिवार देर शाम को काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से होली की शुभकामनाएं देने के साथ ही सामाजिक कुरीतियों पर भी तंज कसे। गोष्ठी का आरंभ संस्था अध्यक्ष सी पी नैथानी और संरक्षक डा. वेदप्रकाश माहेश्वरी ने मां शारदा के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तत्पश्चात कवि कौशल्या जखमोला ने नरेंद्र सिंह नेगी के गढ़वाली गीत त्यारा मंदिर मां द्यू बल्यों च.., गाकर गोष्ठी की शुरूआत की। उनके बाद अनुसूया प्रसाद डंगवाल ने आए हैं हुल्यार, भर गई रंगों की पिचकारी.., कविता प्रस्तुत की। यतेंद्र गौड़ ने स्व रचित गीत रंगीली बसंत कु रंग.., की प्रस्तुति दी। वहीं सरला घिल्डियाल ने थिरकते हैं पांव सबके, होली के त्यौहार में.., डा. बीना वशिष्ठ ने त...