रांची, अप्रैल 28 -- रांची, वरीय संवाददाता। साहित्यिक संस्था शब्दकार की ओर से सोमवार को आयोजित ऑनलाइन गोष्ठी में पहलगाम का दर्द छाया रहा। कवियों ने कविता पाठ में आतंकवाद से उपजे और पहलगाम में नवविवाहिता स्री का दर्द, मजहबी उन्माद, पूंजी कुछ हाथ की कठपुतली है..., को रखा। इस क्रम में कविता के जरिये सवाल रखा की बहुत से हैं सवाल, जिनका अभी नहीं कोई जवाब, आयेगा वक्त जब ठीक होगा सब। कई कवियों की गहरी कविताएं सबके सामने प्रश्न छोड़ गईं। संगठन की अध्यक्ष रश्मि शर्मा, नंदा पांडेय, मीता वर्मा, सुषमा झा, मनोज झा, नंदनी प्रणय, स्मिता, पूजा शकुंतला शुक्ला, सुमिता सिन्हा, अपर्णा सिंह, सत्या सिन्हा, संध्या उर्वशी, संजय सरस, रीता गुप्ता, सुनीता अग्रवाल, सरोज अग्रवाल ने कविता प्रस्तुत किए। काव्य गोष्ठी में कवि नरेंद्र बंका, कथाकार अनामिका, जयमाला समेत अन्य...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.