वाराणसी, मार्च 20 -- वाराणसी। भारत सरकार के डीबीटी (जैव-प्रौद्योगिकी विभाग) सहयोग से चांदपुर स्थित ईरी-आईसार्क में बुधवार को चावल से बनने वाले उत्पादों के सम्बंध में महिला किसानों के लिए चार दिवसीय प्रशिक्षण शुरू किया गया। महिलाओं को कालानमक चावल से बने उत्पाद-कुकीज और चावल के फ्लेक्स बनाने का तरीका दिखाया। बताया कि कालानमक चावल बौध धर्म में प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।उत्पादों के निर्माण के साथ ब्रांडिंग और वितरण की बारीकियां भी बतायीं। आइसार्क के निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह ने महिला किसानों के आजीविका को मजबूत करने में चावल की बड़ी भागीदारी की जानकारी दी। आईसीएआर-आईएआरआई की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हरिता बोल्लिनेदी ने कालानमक चावल के महत्व पर प्रकाश डाला और क्षमता विकास पर चर्चा की।
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