नई दिल्ली, अक्टूबर 17 -- कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी बहुत खास मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन विष्णु भगवान चार महीने की निंद्रा से जागते हैं। इस साल देवउठनी एकादशी व्रत 1 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन रवि योग सुबह 06 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। इस एकादशी का बहुत पुण्य माना जाता है। पद्म पुराण में भी इस एकादशी का जिक्र है। पद्म पुराण में लिखा है कि देवउठनी एकादशी का पर्व पाप का नाशक, पुण्य कर्म को बढ़ाने वाला औरको मोक्ष देनेवाला है। ऐसा कहा जाता है कि जो कोई सभी एकादशी का व्रत ना रखता हो, लेकिन अगर वो प्रबोधिनी को एक ही व्रत रखता है तो उसे सहस्र अश्वमेध ओर सो राजसूय यज्ञोंका फल मिल जाता है। पद्मपुराण में यह भी लिखा है कि समुद्र से लेकर सरोवरों तक जितने तीर्थ हैं, वे...