हल्द्वानी, मार्च 4 -- हल्द्वानी। तकनीक जहां कई परेशानियों को दूर करती है वहीं अपने साथ कई समस्याएं लेकर भी आती है। ईयर फोन, हेडफोन भी ऐसी तकनीक हैं जो लोगों को अपने काम को बेहतर तरीके से करने में मदद तो कर रही हैं लेकिन वह कान व दिमाग को बीमारी की तरफ भी बढ़ा रही है। जिसके दूरगामी परिणाम काफी घातक होने का अनुमान हैं। हल्द्वानी के डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल और बेस अस्पताल में नाक कान गला (ईएनटी) की ओपीडी में औसतन सात से ज्यादा मरीज ऐसे आ रहे हैं जिनके कानों में ईयर फोन, हेडफोन लगाने से तकलीफ हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमारे कान में संवेदनशील कोशिकाएं होती हैं जो सुनने में मदद करती हैं। ये कोशिकाएं, आवाज के रूप में सिग्नल को ट्रांसमिट करने का काम करती हैं। जब हम तेज आवाज सुनते हैं तो इन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और कान में दर्द ...