हरिद्वार, जुलाई 19 -- हरिद्वार, संवाददाता। कांवड़ मेले में गंगाजल लेने आए कांवड़िए अपने साथ हुक्के भी लेकर आए हैं। पहले हुक्का सिर्फ बड़े बुजुर्ग ही अपने साथ रखते थे लेकिन अब युवाओं में भी हुक्के को लेकर जुनून बढ़ता जा रहा हैं। गांव में चौपाल पर एक हुक्का होता था जिसे कई सारे लोग पीते थे और आपस में एक दूसरे के सुख दुख बांटते थे। धीरे धीरे इसका प्रचलन अधिक होने लगा और अब हुक्का समाज में एक स्टेटस के रूप में देखा जाने लगा। कांवड़ यात्रा में भी इसका असर बहुत दिख रहा है। कई कांवड़िए बड़े बड़े हुक्के अपने साथ लाए हैं तो कई छोटे छोटे हुक्के लेकर यात्रा कर रहे।

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