गंगापार, मई 28 -- क्षेत्र के बलापुर स्थित हनुमान मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के समापन अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कवियों ने अपनी रचनाओं से उपस्थित श्रोताओं के मन मोह लिया। मंगलवार देर रात तक चलने वाले कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कथा वाचक उद्धव ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ राजेंद्र शुक्ल के सरस्वती वंदना से हुआ। उनकी कविता पिता यदि हैं किसी खतरे से कोई डर नहीं लगता खूब सराही गई। डॉ वीरेंद्र कुसुमाकर की कविता राम के अस्तित्व पर ही उठ रही हैं उंगलियां तथा जेपी शुक्ल की रचना सोने की चिड़िया के पंख न काटो तुम, देशद्रोहियों के तलवे मत चाटो तुम पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाया। निखिलेश मालवीय ने अपनी कविता भारत माता की जय बोलो वंदन गीत सुनाता हूं, सत्यमेव जयते का भारत जनजन तक पहुंचाता हूं से लोगों को मंत्रमुग्ध कर ...