नई दिल्ली, अक्टूबर 12 -- अलीगढ़ की धरती पर क्षत्रिय समाज का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा है। गंगा-यमुना के दोआब में बसे इस क्षेत्र में राजपूत वंशों ने न केवल शासन किया, स्थानीय समाज की संरचना को भी दिशा दी। लोधा, इगलास, टप्पल, खैर और अतरौली और कोल क्षेत्र में आज भी क्षत्रिय परिवारों की गहरी जड़ें हैं। मुगलकाल और अंग्रेजी शासन के दौरान भी कई क्षत्रिय वीरों ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्योछावर किए। हिन्दुस्तान समाचार पत्र के अभियान बोले अलीगढ़ के तहत टीम ने शनिवार को आईटीआई रोड स्थित एक लॉज में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों से संवाद किया। इस दौरान पदाधिकारियों ने बताया कि 1857 की क्रांति में अलीगढ़ के क्षत्रिय योद्धाओं का योगदान अमिट है। जिन्होंने न केवल आजादी के लिए संघर्ष किया, शिक्षा को भी हथियार बनाया। क्षत्रिय स...