आगरा, जुलाई 30 -- जयमुनि महाराज ने जैन श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन ट्रस्ट की ओर से महावीर भवन जैन स्थानक में धर्मसभा की। उन्होंने आज के परिवेश में हो रहे परिवार विघटन को ध्यान में रखते हुए कहा कि दामाद का सम्मान बेटी के सुख से सीधा जुड़ा है और जिसकी बेटी सुखी होती है, उसके माता-पिता का यह लोक सुखी रहता है। उन्होंने पारिवारिक संबंधों में महावीर के करुणा भाव पर प्रकाश डालते हुए भगवान महावीर और उनके दामाद जामाली के संबंध का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि जामाली, भगवान महावीर के निकट संबंधी के बेटे थे और उनके प्रवचन सुनकर भोग-विलासिता त्यागकर वैराग्य धारण किया। बाद में, गुरु-शिष्य के संबंध में कुछ मतभेद होने पर भी भगवान महावीर ने करुणा का भाव बनाए रखा। कर्म और कर्मफल के संबंध में विभिन्न विचारधाराओं पर चर्चा की। उन्होंने उन लोगों का उल्लेख किया...