श्री श्री रविशंकर, जुलाई 22 -- अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनो और ऐसा कुछ भी मत करो, जो तुम नहीं चाहते कि दूसरे तुम्हारे साथ करें। हमें वही करना चाहिए, जिससे दीर्घकालिक लाभ हो। भले ही इसके लिए हमें कुछ क्षणिक अप्रिय परिस्थितियों का सामना करना पड़े। हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जिससे क्षणिक सुख मिले। कर्म और उसके परिणाम शाश्वत और समझ से परे हैं। कुछ कर्म ऐसे होते हैं, जिनके परिणाम तुरंत दिखाई देते हैं। कुछ ऐसे होते हैं, जिनका परिणाम देर से मिलता है। अगर आप अपना हाथ आग में डालते हैं, तो आप तुरंत जल जाएंगे। अभी, कल या बाद में नहीं, लेकिन अगर आप आज आम का बीज बोते हैं, तो उसे पेड़ बनने में कुछ साल लगेंगे। इसी तरह, कुछ कर्म तुरंत फल देते हैं, जबकि कुछ को फल देने में समय लगता है। कुछ कर्मों का समाधान उनके परिणामों को झेलकर ही किया जा सकता है, जबकि ...