मेरठ, मार्च 5 -- कंकरखेड़ा, संवाददाता जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने योगीपुरम में आयोजित देवी भागवत कथा में बताया कि पूजा में नकली घी को कभी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह चर्बी व अन्य चीजें मिलाकर बनाया जाता है। इस घी को जलाने से देवता दूर हो जाते हैं और दैत्य खुश हो जाते हैं। जिस प्रयोजन से पूजा-पाठ किया जाता है उसका उल्टा असर होने लगता है। उन्होंने भगवान श्री हरि विष्णु के अवतारों के बारे में बताते हुए कहा कि कर्म का फल तो भगवान को भी भोगना पड़ा। शंकराचार्य ने कहा कि हम संसार के दिए ज्ञान को याद रखे हैं, जबकि हम वास्तव में कौन हैं इसको भूले बैठे हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति सात्विक के साथ बैठेगा तो सात्विक होने का मन करेगा। राजस के साथ रहेगा तो राजसी होने का मन करेगा और तामस के साथ रहेगा तो तामसिक होने का मन करेगा। उन्हों...
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