समस्तीपुर, दिसम्बर 9 -- मोरवा,। मोरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कर्मियों की काफी कमी है। डेढ़ लाख की आबादी की स्वास्थ्य की देखभाल एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जरिए हो रही है। ऐसे में भी अगर लोगों को सुविधा ना मिले तो स्वास्थ्य सेवा के प्रति सवाल उठना लाजिमी है। स्थिति यह है कि इमरजेंसी की सूरत में मरीज को रेफर किया जाता है क्योंकि जिस हाईटेक व्यवस्था की जरूरत लोगों को है वह सुविधा यहां नदारद दिखाई पड़ता है। नसबंदी ऑपरेशन करने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ जुटती है लेकिन स्टाफ की कमी होने की वजह से डॉक्टर को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। एनेस्थीसिया से लेकर स्वास्थ्य जांच करने वालों कर्मियों की कमी है। सीएचसी में महिला डॉक्टर की कमी है। इस कारण अधिकांश प्रसव एएनएम पर निर्भर रहता है। खासकर रात के समय महिला डॉक्टर नहीं रहती है।...