बगहा, जुलाई 4 -- बेतिया। मुहर्रम इस्लामी साल का पहला महीना है।यह बहुत ही बरकतों वाला महीना है। रमजानुल मुबारक के बाद दूसरा महीना मोहर्रम का है। इस महीने में मोहम्मद के नवासे हजरत इमामे हुसैन की शहादत इराक के शहर कर्बला में हुई थी। उस दौर का बादशाह यजीद था। उसके अंदर सारी बुराईया थी।उसने पूरे आलम का बादशाह और खलीफा घोषित कर दिया। मोहम्मद के नवासे हजरत इमामे हुसैन ने इसका विरोध किया। यजीद ने कहा कि हजरत इमामे हुसैन को मैं खलीफा मानने के लिये तैयार हूं।उसने हजरत इमामे हुसैन को ख़लीफ़ा मानने के लिये धोखे से बुलाया। हजरते हुसैन अपने परिवार और कुछ साथियों के साथ इराक के शहर कर्बला पहुचे। जिनकी तादात 73 थी। मुहर्रम के 9वी तारीख को यजीद ने सारे लोगो को दरिया के पानी पीने पर रोक लगा दिया। इसमे 6 माह के अली असग़र भी शामिल थे। 10वीं मुहर्रम को हजरते ह...
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