पूर्णिया, अक्टूबर 10 -- पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता।करवाचौथ व्रत को लेकर महिलाओं में उत्साह चरम पर है। इस संबंध में पंडित वंशीधर झा ने बताया कि सनातन धर्म में वैसे तो हर चंद्रमास में कुछ ना कुछ व्रत पर्व का विशेष महत्व है लेकिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि को करक चतुर्थी यानि करवा चौथ के नाम से व्रत पूजन करने का विधान है। करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पत्नी श्रद्धा व विश्वास के साथ करती है । यह व्रत वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और प्रेम बनाए रखने में मदद करता है । इस व्रत को पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर व्रत रखती हैं और चांद निकलने के बाद अपने पति के सम्मुख व्रत खोलती हैं। करवा चौथ की कथा सुनती हैं और देवी पार्वती, भगवान शिव और चंद्रमा की ...
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