दरभंगा, फरवरी 19 -- जिले में 500 से अधिक मेडिकल रिप्रजेंटेटिव (दवा कंपनियों के प्रतिनिधि) काम करते हैं। इनका काम डॉक्टरों को अपनी कंपनी की दवाइयों की विशेषता बतानी है। इस काम के लिए उन्हें सुबह से शाम तक लगा रहना होता है। इनका दर्द यह है कि कंपनियां इनको अत्यधिक टारगेट देती हैं। कई बार टारगेट इतना होता है कि तनाव बढ़ जाता है। वेतन भी उस हिसाब से नहीं दिया जाता है। इस कारण भी वे परेशान रहते हैं। मेडिकल रिप्रजेंटेटिव को पूरे जिले या जिले के बाहर प्रतिदिन 50 किलोमीटर या उससे अधिक की की यात्रा करनी पड़ती है। इस कारण हादसे का खतरा भी बना रहता है। उनका कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिलती है, जबकि इनका काम आम लोगों से जुड़ा हुआ है। मेंडिकल रिप्रेजेंटेटिव का काम स्वास्थ्य क्षेत्र में कंपनियों के उत्पादों और दवाओं को डॉक्टरों, अस्पता...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.