दरभंगा, जून 12 -- अलीनगर,। इस धरातल पर जब जब छुआछूत, ऊंच नीच और रंग भेद जैसे भावनाओं का शिकार होने से मानव मानव से ही त्रस्त हो रहे थे। तो संत सम्राट सदगुरु कबीर ने आज के ही दिन काशी में प्रकट होकर विभिन्न माध्यमों से तिखा प्रहार करते हुए मानव को मानवता का पाठ पढ़ाया। ये बातें बुधवार को कबीर जयंती के मौके पर जौघट्टा में आयोजित कबीर सद्ज्ञान यज्ञ का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि जनकपुर (नेपाल) कबीर बाल आश्रम के महंत आलोक साहेब ने कही।उन्होंने कहा कि जब संसार में छुआछूत और रंग भेद जैसी कोढ़ी भावना चरम पर चल रही थी तो कबीर साहेब ने प्रकट होकर मानव को सबसे पहले मानवता धर्म का महत्व एवं उसपर अमल करने का पाठ पढ़ाया। जिसके लिए वे हमेशा ढोंगी धर्म गुरुओं पर खुला कटाक्ष किया करते थे। आज एक मात्र सदगुरु कबीर के ही बताए मार्ग है...