मुंगेर, दिसम्बर 20 -- संग्रामपुर,एक संवाददाता। शुक्रवार को नगर पंचायत स्थित डाकबंगला परिसर में में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन कथा वाचक राम अवतार राजगुरु ने श्रद्धालुओं से कथा से प्राप्त ज्ञान को जीवन और चरित्र में उतारने की अपील की। उन्होंने कहा कि जो जीव भक्ति रूपी रस्सी से अपने मन को भगवान के चरणों में बांध देते हैं, ईश्वर अपने लोक को छोड़कर उस भक्त के हृदय में प्रगट हो जाते हैं। ऐसी कोई जगह नहीं ऐसा कोई हृदय नहीं, जहां ईश्वर का वास नहीं हो। ---------

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