लखीमपुरखीरी, नवम्बर 7 -- नीलकंठ मैदान परिसर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास आचार्य नरोत्तम शास्त्री ने सुनाया कि भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ रास रचाकर काम का मर्दन किया। उसके बाद मथुरा गए, जहां उन्होंने कुब्जा का उद्धार कर कंस का वध किया और अपने माता पिता वासुदेव देवकी व नाना उग्रसेन को बन्दी गृह से मुक्त कराकर उन्हें मथुरा का राजा बनाया। भगवान की माता देवकी व पिता वासुदेव ने उन्हें गुरु संदीपनी के आश्रम शिक्षा के लिए भेजा। शिक्षा पूर्ण होने के पश्चात अपने गुरु को गुरु दक्षिणा में उनके मृत बेटे को यमलोक से लाकर उन्हें सौंपा। इसके बाद आचार्य नरोत्तम शास्त्री ने भगवान श्री कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का वृत्तांत सुनाया जिसे सुनकर भक्तगण मंत्रमुग्ध हो गए। कथा के मुख्य यजमान अमित गुप्ता व उनकी पत्नी सोनल गुप्ता ने पूर्ण...
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